मुन्नी-"अम्मा,अगले जनम तुम मोहे बिटिया ना कीजो" और यह कहते हुए उस नन्ही सी जान (बलात्कार पीड़िता) ने मां की गोद में अपनी आख़िरी सांस ली ! (घनधोर बारिश हो रही है ,वो आसमान भी रो रहा है,अम्मा,बापू सब रो रहे है पर किसी को किसी के रूदन की आवाज सुनाई नही दे रही है ) [पर्दा गिरता है] ●भाग्य विधाता● "स्वरचित नाटक का एक अंश" मुन्नी -"अम्मा,अगले जनम तुम मोहे बिटिया ना कीजो" और यह कहते हुए उस नन्ही सी जान (बलात्कार पीड़िता) ने मां की गोद में अपनी आख़िरी सांस ली ! (घनघोर बारिश हो रही है ,वो आसमान भी रो रहा है,अम्मा,बापू सब रो रहे है पर किसी को किसी के रूदन की आवाज सुनाई नही दे रही है ) [पर्दा गिरता है]