मुझसे जुदा कब है वो। मेरे लिए मेरा रब है वो। बेशक उसके लिए मैं कुछ भी नहीं मगर मेरा सब है वो। उस पर अपना सब कुछ वार दूं मैं। उसे खुद से ज्यादा प्यार दूं मैं। वो बना रहा है कहीं और आशिया। सोचता हूं ताउम्र यूं ही गुजार दूं मैं। जा तेरे बिना भी रह लेंगे हम। ये जख्म भी सह लेंगे हम। चाहतें थी साथ बहने की। अब अकेले ही बह लेंगे हम। फिर भी मैं मिट्टी के कण सा। और पूरा नभ है वो। मुझसे जुदा कब है वो। मेरे लिए मेरा रब है वो। बेशक उसके लिए मैं कुछ भी नहीं मगर मेरा सब है वो। ©Sandip rohilla #Health Sakshi Gupta