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ममता यूँ तो बस यादों की सलवटें पड़ जातीं हैं,

ममता यूँ तो बस यादों की सलवटें पड़ जातीं हैं,
        बेशक़ मैंने वेद और क़ुरआन नहीं पढ़ा है
  लेकिन मैंने मेरे घर में 'माँ' को देखा है,
हमेशा घर से निकलने से पहले
कुछ बांध देती है वो,
जो हमेशा साथ होता है,
मेरी माँ मेरी नानी की परछाईं है,
और ननिहाल गए मुझे,
न जाने कितने बरस बीत चुके हैं,
वो ननिहाल जहाँ से मेरी माँ ने जो कुछ भी सीखा,
वो मुझे विरासत में मिली है..
                                                        --YASHVARDHAN #माँ_के_लिए 💞
ममता यूँ तो बस यादों की सलवटें पड़ जातीं हैं,
        बेशक़ मैंने वेद और क़ुरआन नहीं पढ़ा है
  लेकिन मैंने मेरे घर में 'माँ' को देखा है,
हमेशा घर से निकलने से पहले
कुछ बांध देती है वो,
जो हमेशा साथ होता है,
मेरी माँ मेरी नानी की परछाईं है,
और ननिहाल गए मुझे,
न जाने कितने बरस बीत चुके हैं,
वो ननिहाल जहाँ से मेरी माँ ने जो कुछ भी सीखा,
वो मुझे विरासत में मिली है..
                                                        --YASHVARDHAN #माँ_के_लिए 💞
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