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"भाग-दौड़ भरी जिंदगी और तुम" बहुत बार आप खुद स

"भाग-दौड़ भरी जिंदगी और तुम"





बहुत बार आप खुद से ही भाग रहे होते हैं, क्योंकि आप के अंदर इतना कुछ टूट चुका होता है 
की आप उसे जोड़ने की कोशिश जब कभी भी करते हैं, अक्सर आप के घाव और भी गहरे 
होते जाते हैं, सिर्फ इसलिए कि आपके टूटे हुए टुकड़े आपके पैरों को बहुत गहराई से काटते हैं,
यदि आप बहुत देर तक आसपास रहते हैं..।
मन कचोटता रहता है आपका अंदर ही अंदर लाख प्रयासों के बाद भी आप खुद को वहीं 
खड़ा पाते जहाँ से चलना शुरु किया था कभी। पर आप भागना नहीं छोड़ते हैं क्योंकि अगर 
आप रूक गए तो उससे और आहत होगें ये सोचकर आप चुनते हैं चलते रहना, पर 
अचनाक अकेले ही चलते-चलते आप एक शख़्स से मिलते हैं,जो इस सफर में आप 
के साथ कदम से कदम मिला कर चलने के लिए तैयार रहता है, आपके उन टुकड़ो को 
उठा लेता और उसे सहेज कर रखता है, तब आपको अब खुद से दूर नहीं भागना पड़ता है, 
आप दौड़ना बंद कर सकते हैं। अगर वो आपको ये यकीन दिला देता है की आपके साथ 
रहने लायक भी कुछ है, आपको आपकी नज़र में उठाता है, आपको ये समझाता है की 
आपका हर समय भागते रहना जरूरी नहीं और न एक जगह आकर ठहरना, जरूरी है- 
तो गिर कर संभलना और कोशिश करते रहना धीरे-धीरे ही चलकर जिंदगी के हर एक 
पल में जीना , तब शायद आप भी अपने साथ रहने लग जाते हैं और खुद से प्यार करना 
सीख जाते हैं,कल से निकल कर अपने आज में रहना चाहते हैं, उस एक शख़्स के साथ 
जिसने आपको फिरसे जीना सिखाया है और ये बताया की चलती की नाम ही जिंदगी है।

-रोली रस्तोगी
© #a_girl_inkings_her_emotions Title ➡️ 【"भाग-दौड़ भरी जिंदगी और तुम"】

बहुत बार आप खुद से ही भाग रहे होते हैं, क्योंकि आप के अंदर इतना कुछ टूट चुका होता है की आप उसे जोड़ने की कोशिश जब कभी भी करते हैं, अक्सर आप के घाव और भी गहरे होते जाते हैं, सिर्फ इसलिए कि आपके टूटे हुए टुकड़े आपके पैरों को बहुत गहराई से काटते हैं,यदि आप बहुत देर तक आसपास रहते हैं..।
मन कचोटता रहता है आपका अंदर ही अंदर लाख प्रयासों के बाद भी आप खुद को वहीं खड़ा पाते जहाँ से चलना शुरु किया था कभी। पर आप भागना नहीं छोड़ते हैं क्योंकि अगर आप रूक गए तो उससे और आहत होगें ये सोचकर आप चुनते हैं चलते रहना, पर अचनाक अकेले ही चलते-चलते आप एक शख़्स से मिलते हैं,जो इस सफर में आप के साथ कदम से कदम मिला कर चलने के लिए तैयार रहता है, आपके उन टुकड़ो को उठा लेता और उसे सहेज कर रखता है, तब आपको अब खुद से दूर नहीं भागना पड़ता है, आप दौड़ना बंद कर सकते हैं। अगर वो आपको ये यकीन दिला देता है की आपके साथ रहने लायक भी कुछ है, आपको आपकी नज़र में उठाता है, आपको ये समझाता है की आपका हर समय भागते रहना जरूरी नहीं और न एक जगह आकर ठहरना, जरूरी है- तो गिर कर संभलना और कोशिश करते रहना धीरे-धीरे ही चलकर जिंदगी के हर एक पल में जीना , तब शायद आप भी अपने साथ रहने लग जाते हैं और खुद से प्यार करना सीख जाते हैं,कल से निकल कर अपने आज में रहना चाहते हैं, उस एक शख़्स के साथ जिसने आपको फिरसे जीना सिखाया है और ये बताया की चलती की नाम ही जिंदगी है।

-रोली रस्तोगी
© #a_girl_inkings_her_emotions
"भाग-दौड़ भरी जिंदगी और तुम"





बहुत बार आप खुद से ही भाग रहे होते हैं, क्योंकि आप के अंदर इतना कुछ टूट चुका होता है 
की आप उसे जोड़ने की कोशिश जब कभी भी करते हैं, अक्सर आप के घाव और भी गहरे 
होते जाते हैं, सिर्फ इसलिए कि आपके टूटे हुए टुकड़े आपके पैरों को बहुत गहराई से काटते हैं,
यदि आप बहुत देर तक आसपास रहते हैं..।
मन कचोटता रहता है आपका अंदर ही अंदर लाख प्रयासों के बाद भी आप खुद को वहीं 
खड़ा पाते जहाँ से चलना शुरु किया था कभी। पर आप भागना नहीं छोड़ते हैं क्योंकि अगर 
आप रूक गए तो उससे और आहत होगें ये सोचकर आप चुनते हैं चलते रहना, पर 
अचनाक अकेले ही चलते-चलते आप एक शख़्स से मिलते हैं,जो इस सफर में आप 
के साथ कदम से कदम मिला कर चलने के लिए तैयार रहता है, आपके उन टुकड़ो को 
उठा लेता और उसे सहेज कर रखता है, तब आपको अब खुद से दूर नहीं भागना पड़ता है, 
आप दौड़ना बंद कर सकते हैं। अगर वो आपको ये यकीन दिला देता है की आपके साथ 
रहने लायक भी कुछ है, आपको आपकी नज़र में उठाता है, आपको ये समझाता है की 
आपका हर समय भागते रहना जरूरी नहीं और न एक जगह आकर ठहरना, जरूरी है- 
तो गिर कर संभलना और कोशिश करते रहना धीरे-धीरे ही चलकर जिंदगी के हर एक 
पल में जीना , तब शायद आप भी अपने साथ रहने लग जाते हैं और खुद से प्यार करना 
सीख जाते हैं,कल से निकल कर अपने आज में रहना चाहते हैं, उस एक शख़्स के साथ 
जिसने आपको फिरसे जीना सिखाया है और ये बताया की चलती की नाम ही जिंदगी है।

-रोली रस्तोगी
© #a_girl_inkings_her_emotions Title ➡️ 【"भाग-दौड़ भरी जिंदगी और तुम"】

बहुत बार आप खुद से ही भाग रहे होते हैं, क्योंकि आप के अंदर इतना कुछ टूट चुका होता है की आप उसे जोड़ने की कोशिश जब कभी भी करते हैं, अक्सर आप के घाव और भी गहरे होते जाते हैं, सिर्फ इसलिए कि आपके टूटे हुए टुकड़े आपके पैरों को बहुत गहराई से काटते हैं,यदि आप बहुत देर तक आसपास रहते हैं..।
मन कचोटता रहता है आपका अंदर ही अंदर लाख प्रयासों के बाद भी आप खुद को वहीं खड़ा पाते जहाँ से चलना शुरु किया था कभी। पर आप भागना नहीं छोड़ते हैं क्योंकि अगर आप रूक गए तो उससे और आहत होगें ये सोचकर आप चुनते हैं चलते रहना, पर अचनाक अकेले ही चलते-चलते आप एक शख़्स से मिलते हैं,जो इस सफर में आप के साथ कदम से कदम मिला कर चलने के लिए तैयार रहता है, आपके उन टुकड़ो को उठा लेता और उसे सहेज कर रखता है, तब आपको अब खुद से दूर नहीं भागना पड़ता है, आप दौड़ना बंद कर सकते हैं। अगर वो आपको ये यकीन दिला देता है की आपके साथ रहने लायक भी कुछ है, आपको आपकी नज़र में उठाता है, आपको ये समझाता है की आपका हर समय भागते रहना जरूरी नहीं और न एक जगह आकर ठहरना, जरूरी है- तो गिर कर संभलना और कोशिश करते रहना धीरे-धीरे ही चलकर जिंदगी के हर एक पल में जीना , तब शायद आप भी अपने साथ रहने लग जाते हैं और खुद से प्यार करना सीख जाते हैं,कल से निकल कर अपने आज में रहना चाहते हैं, उस एक शख़्स के साथ जिसने आपको फिरसे जीना सिखाया है और ये बताया की चलती की नाम ही जिंदगी है।

-रोली रस्तोगी
© #a_girl_inkings_her_emotions