दुनिया मुझे आज़माती है रहती, और मैं खुद हर पल खुद को आज़माता रहता हूं, हर पल खुद से लड़ता रहता हूं, खोने को कुछ नहीं मैं उस गरुड़ की तरह हूं, जो खुद अपने पुराने टूटे पंखों को अपनी ही चोंच से अपने शरीर से चीरता है, फिर उसी चोंच को पत्थर पे मार मार कर, किसी ऊंची चट्टान पर महीनों, दर्द में छटपटाता है, और करता है नए पंखों के उगने का, क्योंकि वो जानता है, कि वो गगनचुंबी उड़ान के लिए है बना। कोई और पंछी क्या सोचता इसकी उसे कोई ना परवाह, कुछ ऐसा ही है मेरा हाल, कर रहा हूं इंतज़ार और खुद को तैयार। एक दिन ईश्वर भी बोलेगा, कि ये परिंदा उसकी धैर्य की परीक्षा पर उतरा खरा। अब तो ईश्वर को भी मजबूर करना है ज़रा।। ©Akhil Kael #riseofphoenix #stormofphoenix #kaelomania #akhilkael #nojotobest #airballoon Saad Ahmad ( سعد احمد )