" सोचा तो था " सोचा तो था मैंने भी कभी, कि मैं भी तुमसे प्यार करूं.. हाथ में लिए गुलाब पहरों, किसी मोड़ पर इंतजार करूं.. तुम मना कर दो मुझसे मिलने से, और मैं देख कर आहें भरूँ.. ख्वाब हकीकत न बन सका मेरा, तुम बताओ किसका शुक्र अदा करूं... सोचा तो था