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जिगर का टुकड़ा देखे बरस बीत गया अपने

जिगर का टुकड़ा 
देखे बरस बीत गया
             अपने जिगर के टुकड़े को।
हां ! एक माँ  और भी,
              गया हैं जिसकी रक्षा को।।


ओ! मेरे जिगर के टुकड़े
                भले तू मुझसे दूर ही जीना।
 पर याद रहे देश की खातिर ,
                   तुझको हैं हर दर्द को पीना।।


देख तेरे बलिदान को
                  मैं फूली नहीं स्माऊंगी।
ऐसे वीर शहीद की,
                    मैं  माता कहलाऊंगी।। #Relationships #दिसम्बर #जिगर #का #टुकड़ा #सोनिका #तंवर #स्वरा #poetess #sonika #tanwar #svra #poemkiduniya
जिगर का टुकड़ा 
देखे बरस बीत गया
             अपने जिगर के टुकड़े को।
हां ! एक माँ  और भी,
              गया हैं जिसकी रक्षा को।।


ओ! मेरे जिगर के टुकड़े
                भले तू मुझसे दूर ही जीना।
 पर याद रहे देश की खातिर ,
                   तुझको हैं हर दर्द को पीना।।


देख तेरे बलिदान को
                  मैं फूली नहीं स्माऊंगी।
ऐसे वीर शहीद की,
                    मैं  माता कहलाऊंगी।। #Relationships #दिसम्बर #जिगर #का #टुकड़ा #सोनिका #तंवर #स्वरा #poetess #sonika #tanwar #svra #poemkiduniya