तू पहले कुछ था अब कुछ और है कैसे रंग बदलता है तू मतलब पे तू इंसान ही है या कुछ और है कैसा होता होगा वो दिल भी जिसमें बसता मैं हूँ और रहता कोई और है कुसूर किसको दूँ मेरे ना होने का मुझे मारा किसी और ने और मेरा कातिल कोई और है सोचते रहने का भी अपना ही आनंद है। #तुझेसोचना #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi