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खेला नीरज,आज कुछ ऐसा निराला। उसने भेदी थी आंख मछली

खेला नीरज,आज कुछ ऐसा निराला।
उसने भेदी थी आंख मछली की, इसने सोने पर चलाया है भाला।।
चानू ने की थी जितनी अच्छी शुरुआत, उतना ही बेहतरीन अंत है।
महक उठा है आज हर हिंदुस्तानी, मानो जैसे बसंत है।।
गुलशन खुशियों का ये,हमेशा आबाद रहेगा।
कर गए नीरज तुम कुछ ऐसा, जो हमेशा याद रहेगा।।🇮🇳🇮🇳🙏🙏

©Vinod Thakur #neeraj chopra
खेला नीरज,आज कुछ ऐसा निराला।
उसने भेदी थी आंख मछली की, इसने सोने पर चलाया है भाला।।
चानू ने की थी जितनी अच्छी शुरुआत, उतना ही बेहतरीन अंत है।
महक उठा है आज हर हिंदुस्तानी, मानो जैसे बसंत है।।
गुलशन खुशियों का ये,हमेशा आबाद रहेगा।
कर गए नीरज तुम कुछ ऐसा, जो हमेशा याद रहेगा।।🇮🇳🇮🇳🙏🙏

©Vinod Thakur #neeraj chopra