साथी तुम्हारे बिन जीना है अब मुश्किल बेजान हूँ मैं और धड़कता नहीं है दिल तुमसे मिलने के पहले तो कभी ना ऐसा होता था हम अपने में रहते थे दिल चैन से सोता था एक पल में ये क्या हो गया दिल मेरा था तेरा हो गया अब तेरे बिना ये दिल धड़कने के नहीं काबिल ऐसा क्या हुआ है जो मैं तेरे बिन नहीं रह पाऊँ जो दिल मेरा कहता है मैं कैसे तुम्हें समझाऊँ ऐसा क्यूँ होता है दिल तेरे लिए रोता है मेरी आँखें हुई सागर और तुम हुए साहिल 04.12.1994 #पुरानी_डायरी #yqbaba #yqdidi