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उदास कर गया जाता हुआ दिसंबर भी, उदास ही है अभी जनव

उदास कर गया जाता हुआ दिसंबर भी,
उदास ही है अभी जनवरी का मंज़र भी।

उदास हैं ये मेरी ज़िन्दगी के शामो-सहर,
उदास हैं ये मिरे रंज-ओ-ग़म के पैकर भी।

उदास हैं दरों-दीवार घर, डगर सारे,
उदास है मिरा तकिया भी और बिस्तर भी!

उदासियां हैं मेरी सोच-ओ-फ़िक्र में हमदम,
उदासियां हैं मिरे ज़हन-ओ-दिल के अंदर भी।

उदास फिरता हूं मैं ख़्वाहिशों के सहरा में,
उदास ही है मिरे प्यास का समंदर भी!

उदास था मिरा कल आज और वो कल भी,
उदास है ये सदी, साल पल का गौहर भी। #yqaliem  #Jata_hua_december #january #udasiyan #sham_o_saher #sadi_saal_pal #pyaskasamandar #soch_o_fikr
उदास कर गया जाता हुआ दिसंबर भी,
उदास ही है अभी जनवरी का मंज़र भी।

उदास हैं ये मेरी ज़िन्दगी के शामो-सहर,
उदास हैं ये मिरे रंज-ओ-ग़म के पैकर भी।

उदास हैं दरों-दीवार घर, डगर सारे,
उदास है मिरा तकिया भी और बिस्तर भी!

उदासियां हैं मेरी सोच-ओ-फ़िक्र में हमदम,
उदासियां हैं मिरे ज़हन-ओ-दिल के अंदर भी।

उदास फिरता हूं मैं ख़्वाहिशों के सहरा में,
उदास ही है मिरे प्यास का समंदर भी!

उदास था मिरा कल आज और वो कल भी,
उदास है ये सदी, साल पल का गौहर भी। #yqaliem  #Jata_hua_december #january #udasiyan #sham_o_saher #sadi_saal_pal #pyaskasamandar #soch_o_fikr