हमेशा नारी ही क्यो गलत है - यहां जो भीगी ना खुल के वो पलके क्यो गलत है मर्दाना नीयत झलके ठीक जनाना कपड़े झलके क्यो ठीक नहीं है लरजती चाल सब लगती सही है वो जो फूंक कर रखती कदम चलती संभल के क्यो गलत है -kinshu mahour #नारी_ही_क्यो_गलत_है