चल रही हूँ कुछ इस्तरा की बिखर गई हुं कुछ इस्तारा, याद न ऐ दिल को बेचन पड़ी नींद रात की, मन तरस है देखने को तुझे, पर मन भर गया तेरी राह देखते देखते। ©silentworld musing मन भर गया है #WritingForYou