तू रुक मत तू चलता जा सफलता चाहे न मिले तू अनुभव लेता जा अनुभव बड़ा होता है हर ज्ञान से ये अनुभव का ज्ञान तू लेता जा इस ज्ञान को तू समेटता जा तू रुक मत तू चलता जा तू रुक मत तू चलता जा । घबरा मत आगे चलता जा अपनी समस्या को दूर करता जा तुझे कई रुकावटे मिलेगी रास्ते में इन रुकावटो का सामना करता जा तू रुक मत तू चलता जा तू रुक मत तू चलता जा । अपने हौसलो को बढ़ाता जा अपनी बुलंदीयों को आसमां तक लेता जा सफलता नहीं मिलती आसानी से तू सिर्फ परिश्रम करता जा तूू मेहनत करता जा तू रुक मत तू चलता जा तू रुक मत तू चलता जा । सभी लोगो को अपने साथ लेता जा अपना स्वार्थ अब भूलता जा सिर्फ लोगों की मदद करता जा तू आगे बढ़ता जा तू आगे बढ़ता जा तू रुक मत तू चलता जा तू रुक मत तू चलता जा । स्वरचित रचना प्रतिक सिंघल " प्रेमी " तू रुक मत तू चलता जा