नाम बन कर बना रहा वो इक दबी सदा रहा भीड़ में तन्हा वो मुराद तसव्वुर में मेरे ख़ुदा रहा मुंह फ़ेर लिया मंजर से कितने बरस वो जुदा रहा सफ़र तो अकेले का था कोई सर पे मगर दुआ रहा जिंदगी इक खोज निकली सफ़र तू साथ में जहां रहा धूप लगे मुझे दुनिया मेरी जानते हो कि ये दवा रहा जिसे जिंदा रूह मानते हैं ऐसे के बिना कोई कहां रहा Undivided Love #love #lovers #journey #companion #passion4pearl #shahbazwrites #yqtales #yqdiary