तुम्हारा मुझसे यूँ बिछड़ कर जाना क्या ज़रूरी था शब्दों को दर्द में भिगोकर लिखना क्या ज़रूरी था मेरे सपनों को तोड़ अपने सजाना कभी मैं भी था हिस्सा-ए-मुसतकबिल आज मुझे भुला देना क्या ज़रूरी था क्या ज़रूरी था... #क्याज़रूरीथा #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi