बादल आसमा में घिर रही है न जाने किसी को फिर फरेब करके देखके दिल में छुपाई नफरत सुलग रही है न जाने क्यू अब हमसे सच्ची मोहब्बत की रुसवाई हो रही है, न जाने क्यू आज सारी बातें अधूरी हो रही है, न जाने क्यू फिर घटा में चाहत बिखर रही है, फिर एक बार आसमा में बादल घिर रही है.... #बादल_आसमां_में_घिर_रही_है #आसमां #बादल #अमर_अकेला बादल आसमां में घिर रही है और बरस रही है मेरी आँखे उमीद है हर किसी को आज भी बरसेगा यह पर पता किसी को नहीं, यह बरस चुकी है मेरे आँगन में आ के।। ✍KingAmar Music(Dhokla)