Nojoto: Largest Storytelling Platform

बचपन और नानी का घर बहुत छोटा था जब नानी को देख

बचपन और नानी का घर     बहुत छोटा था जब नानी को देखा था ,
एक भी दाँत नही था मुँह में ,
चाय में टोस्ट डाल कर खाती थी ,
भले ही दाँत नही थे ,
लेकिन खुलकर मुस्कुराती थी ,
सर पर हाथ फेरती थी ,
मेरी बेटी के बच्चे है ये कहकर ,
सबसे मिलवाती थी ,
यही तो एक जगह है जहाँ ,
मुझे मेरी माँ के नाम से जाना जाता है,
अरे ! उसके बच्चे इतने बड़े हो गये ,
ये कहकर पहचाना जाता है ।। #Bachpan #Nanikaghar
बचपन और नानी का घर     बहुत छोटा था जब नानी को देखा था ,
एक भी दाँत नही था मुँह में ,
चाय में टोस्ट डाल कर खाती थी ,
भले ही दाँत नही थे ,
लेकिन खुलकर मुस्कुराती थी ,
सर पर हाथ फेरती थी ,
मेरी बेटी के बच्चे है ये कहकर ,
सबसे मिलवाती थी ,
यही तो एक जगह है जहाँ ,
मुझे मेरी माँ के नाम से जाना जाता है,
अरे ! उसके बच्चे इतने बड़े हो गये ,
ये कहकर पहचाना जाता है ।। #Bachpan #Nanikaghar