जब सांझ घनी गहराने लगे, जब मन डूबा डूबा सा होने लगे, जब बिन कारण ही नयन नम होने लगें, जब कोई तारा कुछ ज़्यादा ही चमकने लगे, समझ लेना, वो मां याद आ रही है।।। स्नेह प्रेमचंद ©Sneh Prem Chand वो याद आने लगी है #newday