स्वपन और समाज (In Caption) संघर्ष है मेरा जन्म लेना भी मैं स्त्री हूं, संघर्ष पहचान है।। दो पग चलूं तो भी रोक टोक है सिर्फ मेरे लिए यह सारा समाज है।। हूं तो देवी स्वरूपा परन्तु मेरा अस्तित्व जैसे अभिशाप है।।