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White तेज धूप में  जो पसीना पसीना गुजर रहा! एक उ

White तेज धूप में 

जो पसीना पसीना गुजर रहा!

एक उम्मीद शाम की लिए

खुद से बेखर पत्थरों में टूट रहा!!

जतन कितने भी मगर

वो आसमान को जमीं से देख रहा!

यही सच उसकी खुशी का

तभी अंधेरों में रास्ते खोज रहा!!

और फिर रोशनी भी इतनी 

कि वो खुद को भी न देख रहा !

अपनों के पेट की खातिर

हर पग कर्तव्य न उसका छूट रहा!!

©PRADYUMNA AROTHIYA #safar #आरोठिया #arothiya #poem #Hindi #Nojoto
White तेज धूप में 

जो पसीना पसीना गुजर रहा!

एक उम्मीद शाम की लिए

खुद से बेखर पत्थरों में टूट रहा!!

जतन कितने भी मगर

वो आसमान को जमीं से देख रहा!

यही सच उसकी खुशी का

तभी अंधेरों में रास्ते खोज रहा!!

और फिर रोशनी भी इतनी 

कि वो खुद को भी न देख रहा !

अपनों के पेट की खातिर

हर पग कर्तव्य न उसका छूट रहा!!

©PRADYUMNA AROTHIYA #safar #आरोठिया #arothiya #poem #Hindi #Nojoto