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घड़ी की सुइयाँ आगे बढ़ती रही पर समय थम गया था इन रं

घड़ी की सुइयाँ आगे बढ़ती रही  पर समय थम गया था इन रंज निरस सी सुबहो से,
विरान अकेली रातो तक,
मुझमें तु ही तू होता है,
मुझमें तु ही तू होता है,,,, shayari completion
घड़ी की सुइयाँ आगे बढ़ती रही  पर समय थम गया था इन रंज निरस सी सुबहो से,
विरान अकेली रातो तक,
मुझमें तु ही तू होता है,
मुझमें तु ही तू होता है,,,, shayari completion