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बईठल रहनी अकेले अपने खयालन में हम तब तक जोर से एक

बईठल रहनी अकेले अपने खयालन में  हम
तब तक जोर से एक हसीं गुजल और ठिठक गयिनी हम
घरबा के पूछनी तू के हउ और काहे डेरवावत हउ
पहिले त ऊ मुस्काइल फिर चिल्लाइल और कहल की तोर परेशानी हइं हम!!

तू कान्हें मोसे डराले ना कितनों तोके सताई तैं मोसे घबराले ना
अब हम्हू खूब जोर से ठहाका लगउनो 
फिर बोलनी की मोरे पिता जी के आशीर्वाद के ई प्रताप बा अउर तोरे जईसन क ओकरे आगे का औकात बा!!

परेशनियां पहिले त खिसियाइल फिर बहुत जोर से चिहाइल
कहले मोसे मत टकराव मैं तोके बर्बाद कई देबें
हम्हु कहनी की अरे पगली मोर भईया के होते तू कुछ न कर पईबी!!

एतना सुनते ऊ  त तमतमा गइल गुस्सा से बिलबिला गइल
कहल कि देख तों मोसे जुबान मत लडा नही त बहुत पछतइबे 
एईसन घुस जाइब तोरे जिंदगी में कि राह भुला जइबे
हम कहनी की सुन तों का मोके बर्बाद करबी
मोरे खातिर मोर दीदी चौथ भूक्खे ले ओकरे आगे त टिक ना पईबी!!

अब जईसे ऊ एकदम बौखला गइल लेकिन मोरे हौसला के आगे घबरा गइल
फिर थेथरई से बोलल कि देख तों मोसे थोड़ा त डेरो अरे परेशानी नाम ह मोर मैं तोर जान ले लेब
अबकी हमहू तमतमा गईनी और परेशानी के लतिया देहनी 
फिर बोलनी की सुन तों का मोर जान लेबी मोके शीओ माई क आशीर्वाद बा
अउर मोरे लंबी उमर के खातिर मोर माई खर बर क जितिया भूक्खल बा!!

©Indresh Dwivedi #अपनी_प्यारी_भोजपुरी में कविता
बईठल रहनी अकेले अपने खयालन में  हम
तब तक जोर से एक हसीं गुजल और ठिठक गयिनी हम
घरबा के पूछनी तू के हउ और काहे डेरवावत हउ
पहिले त ऊ मुस्काइल फिर चिल्लाइल और कहल की तोर परेशानी हइं हम!!

तू कान्हें मोसे डराले ना कितनों तोके सताई तैं मोसे घबराले ना
अब हम्हू खूब जोर से ठहाका लगउनो 
फिर बोलनी की मोरे पिता जी के आशीर्वाद के ई प्रताप बा अउर तोरे जईसन क ओकरे आगे का औकात बा!!

परेशनियां पहिले त खिसियाइल फिर बहुत जोर से चिहाइल
कहले मोसे मत टकराव मैं तोके बर्बाद कई देबें
हम्हु कहनी की अरे पगली मोर भईया के होते तू कुछ न कर पईबी!!

एतना सुनते ऊ  त तमतमा गइल गुस्सा से बिलबिला गइल
कहल कि देख तों मोसे जुबान मत लडा नही त बहुत पछतइबे 
एईसन घुस जाइब तोरे जिंदगी में कि राह भुला जइबे
हम कहनी की सुन तों का मोके बर्बाद करबी
मोरे खातिर मोर दीदी चौथ भूक्खे ले ओकरे आगे त टिक ना पईबी!!

अब जईसे ऊ एकदम बौखला गइल लेकिन मोरे हौसला के आगे घबरा गइल
फिर थेथरई से बोलल कि देख तों मोसे थोड़ा त डेरो अरे परेशानी नाम ह मोर मैं तोर जान ले लेब
अबकी हमहू तमतमा गईनी और परेशानी के लतिया देहनी 
फिर बोलनी की सुन तों का मोर जान लेबी मोके शीओ माई क आशीर्वाद बा
अउर मोरे लंबी उमर के खातिर मोर माई खर बर क जितिया भूक्खल बा!!

©Indresh Dwivedi #अपनी_प्यारी_भोजपुरी में कविता