Hope of life याद होगा तुम्हें मोबाइल पर देर तक मुझसे बातें करते-करते तेरा मुझे, उसी बरगद तले महसूस करना जम-सा गए यादों की धुंध घेरकर शामों को जब गहराती अमावस का अंधेरा इसी बरगद को लपेट रहस्यमय तिलस्म-सा तेरे हां-ना की झगड़ालू बहसों के बीच सहसा मुझे बुला लेने की तेरी वो मीठी- जिद @manas_pratyay #Hope@डीएमयू #कविताई #कवितांश ©ratan_kumar