ये नई genration क्या चाहती है पूछो तो कुछ नही बताती है कुछ नही कह कर खामोश हो जाती है ना वक्त पर खाना ना वक्त पर सोना। कुछ कहो तो ego hurt हो जाती है घुसी रहती है phone और laptop में। हर बात को नजरंदाज कर दी जाती है जल्दी हो जाती है dpress। जरा जरा सी बात पर रोने लग जाती है दोस्त ही हो गए सब कुछ इनके। मम्मी तो अजनबी हो जाती है पापा से तो रहता 36 का आंकड़ा। उनकी हर बात चुभ जाती है Pizza momos प्रिय भोजन है इनके खाने की थाली रोज भरी रह जाती है Privacy में जरा सा भी बर्दाश्त नहीं दखल इनको। झट से बात बिगड़ जाती है चुप रहो कुछ मालूम नही आपको। बिना कुछ कहे बेज्जती हो जाती है हमारी genration ही क्यों ऐसी है पहले सुनते रहे मां बाप की। अब बच्चो की सुननी पड़ जाती है #अनुराज ©Anuraag Bhardwaj #CityWinter