#OpenPoetry वो एक सफर सा था गुजरता रहा; मैं मंजिल था ठहरा रहा! यूँ तो आसान नहीं थे,राह मंजिलो के; वो उलझते रहे मैं सुलझता रहा! उम्मीदों के नीव पे,सज़ा रखें थे सपने खूब सारे; वो सपने भी अब फिसल रहे मुठ्ठी से रेत जैसे! क्योंकि आसान नहीं थे,राह मंजिलो के! वो जो कहते थे फिक्र ना कर तूं मेरी, मैं तो हर वक़्त तेरे साथ हूँ; सुना है सहम जाते हैं अब सिर्फ मेरा जिक्र भर होने से! यूँ सोचा ना था,इस मोड़ तक आऊंगा; फिर वो वक़्त भी गुजर गया जिस वक़्त में ये सोचा था! पर अफ़सोस नहीं मुझे इस वक़्त के गुजर जाने का बस एक छोटी सी बात कहनी है कि "मेरी एक छोटी सी बात मान लो लम्बा सफ़र है हाथ थाम लो" #mood #love #peace #kuchअनकहीBate