हर पल तड़पाती हैं, उसकी कमी। जहाँ भी देखू दिखता हैं चेहरा उसका, इतना क्यों सताती है, उसकी कमी। बैचनी क्यों हैं इतनी मुझे क्यों खलती हैं, उसकी कमी। " साप्ताहिक काव्य प्रतियोगिता " (Post 11) सभी दोस्तों को मेरा प्यार भरा "नमस्कार" 🎀 आप सभी से मेरा निवेदन है शीर्षक को ध्यान में रखते हुए अपनी बहुमूल्य रचनाएं लिखे ।