चैन से जीने के लिए चार रोटी और दो कपड़े काफ़ी हैं l पर बेचैनी से जीने के लिए कई मोटर, कई बंगले और कई प्लॉट भी कम हैं !! आदमी सुनता है मन भर'. सुनने के बाद प्रवचन देता है टन भर; और खुद ग्रहण नही करता कण भर #भ्रमरपुरिया #सुप्रभात #सुविचार