Nojoto: Largest Storytelling Platform

धोखे दोस्ती की राहों में बड़ी दूर चला आया, माना था

धोखे दोस्ती की राहों में
 बड़ी दूर चला आया,
माना था जिसे अपना
 उसे ही गैर पाया...
किस्मत में ही नहीं था
यार मेरा,
हज़ारों की तलब न थी मुझे
जिसे दी यारी उसका
 भी साथ न पाया...
वो मचलता रहा लहरों की तरह,
में ठहरा किनारा डीग न पाया...
पलटता रहा शब्द वो पन्नो की तरह,
जो किया समर्पित "पाल" उसे भी बदल न पाया... #पालki✍️✍️✍️से...#Dosti❤️से....
धोखे दोस्ती की राहों में
 बड़ी दूर चला आया,
माना था जिसे अपना
 उसे ही गैर पाया...
किस्मत में ही नहीं था
यार मेरा,
हज़ारों की तलब न थी मुझे
जिसे दी यारी उसका
 भी साथ न पाया...
वो मचलता रहा लहरों की तरह,
में ठहरा किनारा डीग न पाया...
पलटता रहा शब्द वो पन्नो की तरह,
जो किया समर्पित "पाल" उसे भी बदल न पाया... #पालki✍️✍️✍️से...#Dosti❤️से....