धोखे दोस्ती की राहों में बड़ी दूर चला आया, माना था जिसे अपना उसे ही गैर पाया... किस्मत में ही नहीं था यार मेरा, हज़ारों की तलब न थी मुझे जिसे दी यारी उसका भी साथ न पाया... वो मचलता रहा लहरों की तरह, में ठहरा किनारा डीग न पाया... पलटता रहा शब्द वो पन्नो की तरह, जो किया समर्पित "पाल" उसे भी बदल न पाया... #पालki✍️✍️✍️से...#Dosti❤️से....