कौन जाने ये सफर कितना है..... ना ख्वाहिशें , ना उम्मीद का बिखरना है इसमें हरदम खुशी से चलना है कौन जाने ये सफर कितना है..... ना आंखों में दिलकश सूरत तेरी ,ना शौक अमीरी रखना है इसमें हर पल तेरी मोहब्बत में जीना है कौन जाने ये सफर कितना है...... ना तुझे , ना तेरी चाहत को जीतना है इसमें हर दिन बेखौफ तेरी यादों में रहना है कौन जाने ये सफर कितना है.... ना तेरे पास आना ,ना तुझसे दूर जाना है इसमें हर शाम का गीत तेरे साथ गुनगुनाना है कौन जाने ये सफर कितना है.... ना अपना ,न पराया कह लाना है इसमें तेरी प्यारी यादों के साथ गुजर जाना है -Maira #कौन जाने