।।गजल ।। ----- हसता हू मै जो हसीं, वो है दिखावे के लिए चंद पल साथ चलोगे तो समझ जाओगे।। तुमको जो दर्द के सिद्दत पे, कभी होगा यकि हां उसी दर्द में मुझको, तुम सदा पाओगे।। इश्क का रोग नहीं है, है ज़माने का सितम मेरे जख्मों को जो देखोगे,दहल जाओगे।। सोचता हूं न सुनाऊं, हाल-ए-दिल अपना क्या करोगे तुम भी तो आंसू ही बहाओगे।! मेरी राहों में हैं गम, और है कांटों की डगर दो कदम साथ चलोगे, फिर ठहर जाओगे।। मै वो दरीया हूं जो सागर में सिमट जाउंगा मेरी हस्ती ओ नहीं जिसमें, तुम समाओगे।। आसमां दर्द का सिर पे, और है गम की ज़मीं "मीत"थक जाओगे तुम, साथ न चल पाओगे।। meet ✍️ 7/7/20 #Life me mere...