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कब तक ऑखों मे कचरा जाने का बहाना बनाता रहूँ। लो

कब तक ऑखों मे कचरा जाने का बहाना बनाता रहूँ। 

लो आज सरेआम कहता हू मे तुम्हे याद करके रोता हूँ। 
अनिल Himani babu Sati
कब तक ऑखों मे कचरा जाने का बहाना बनाता रहूँ। 

लो आज सरेआम कहता हू मे तुम्हे याद करके रोता हूँ। 
अनिल Himani babu Sati