चल ना ऐ जिंदगी कहीं रुक कर चाय पीते हैं! तू भी थक गई होगी ना मुझे यूंही भगाते भगाते! चल ना ऐ जिंदगी छांव में ज़रा ठहरते हैं! तू भी थक गई होगी ना मुझे धूप में यूंही जलाते जलाते! चल ना ऐ जिंदगी कहीं थोड़ी भूख मिटाते हैं! तू भी थक गई होगी ना मुझे भूखे पेट सुलाते सुलाते! चल ना ऐ जिंदगी इक हमसफ़र नया बनाते हैं! तू भी थक गई होगी ना मुझ संग तन्हा वक़्त बिताते बिताते !! #ChalNaAieZindagi #zindagi #story #poem