हाँ, यकसां कभी कोई भीगा लम्हा जब तेरे साथ का गुज़र जाता है ठीक सटकर, मेरी पीठ से ... छाप कोई हृदय में गहरी टीस-सी वो आख़िरी मुलाक़ात ! आह! होते-होते जो रह गयी अधूरी... फ़क़त कुछ बोझ-सा पलकों पर, ठहर सा जाता है दोस्त! ठहर सा जाता है... #वो_आख़िरी_मुलाकात @manas_pratyay ©river_of_thoughts #wo_aakhiri_mulaquat © Ratan Kumar #Isolated