लहू बेशक निकल भागा मगर मुस्कान न भागी।। पलक पे लाल आँशु थे पर जुबाँ पे आह न जागी ।। वो पकड़ें हाथ वर्दी का झटक कर दूर वो हो गये,,, खाकी के सामने मर गये मगर खाकी नही लाजी।। 😢😢😢😢😢 ✍️✍️✍️✍️((raja bundela)) ## बेगुनाह साधुओं के साथ दरिंदगी