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खामोशी मालूम नहीं तेरी खामोशी कितना कुछ कहती है

खामोशी

 मालूम नहीं तेरी खामोशी 
कितना कुछ कहती हैं 
पढ़ लेता हूँ तेरे लब्ज़ों को 
जो तेरे अंदर से बहती है
 पगली है तू मुझे भी रूलाती है
बारिश की इन बूंदों से पूछों 
जो मेरे आँखो से होकर जाती है।
                             -आकाश #Khamoshi #poetry #shayri #nojotoHindi
खामोशी

 मालूम नहीं तेरी खामोशी 
कितना कुछ कहती हैं 
पढ़ लेता हूँ तेरे लब्ज़ों को 
जो तेरे अंदर से बहती है
 पगली है तू मुझे भी रूलाती है
बारिश की इन बूंदों से पूछों 
जो मेरे आँखो से होकर जाती है।
                             -आकाश #Khamoshi #poetry #shayri #nojotoHindi
akashgupta9410

Akash Gupta

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