खामोशी मालूम नहीं तेरी खामोशी कितना कुछ कहती हैं पढ़ लेता हूँ तेरे लब्ज़ों को जो तेरे अंदर से बहती है पगली है तू मुझे भी रूलाती है बारिश की इन बूंदों से पूछों जो मेरे आँखो से होकर जाती है। -आकाश #Khamoshi #poetry #shayri #nojotoHindi