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जैसे बिन अदरक चाय में कडकपन अधूरा है, जैसे बिन नोक

जैसे बिन अदरक चाय में कडकपन अधूरा है,
जैसे बिन नोकिया 1100 के, कंपन अधूरा है ।।
कुछ इसी तरह तेरी झलक के बिना मेरा दिन अधूरा है ।

मुकेश दा का गीत "चंदन सा बदन",
तेरे बिना वो चंचल चितवन अधूरा है ।। 

दिल्ली मुम्बई क्या ही घूमने जाऊं यारा,
तेरा बिन मेरे लिए पेरिस लंदन अधूरा है । 

बन ठन के जाऊं किसी महफ़िल में,
और तू न आये तो सारा टशन अधूरा है ।।

हरकतें बीस साल वाली फिर से होने लगीं 
पर तेरे बिना मेरा लड़कपन अधूरा है ।।

©TubeLight मैं अधूरा जी रहा हूँ ...
जैसे बिन अदरक चाय में कडकपन अधूरा है,
जैसे बिन नोकिया 1100 के, कंपन अधूरा है ।।
कुछ इसी तरह तेरी झलक के बिना मेरा दिन अधूरा है ।

मुकेश दा का गीत "चंदन सा बदन",
तेरे बिना वो चंचल चितवन अधूरा है ।। 

दिल्ली मुम्बई क्या ही घूमने जाऊं यारा,
तेरा बिन मेरे लिए पेरिस लंदन अधूरा है । 

बन ठन के जाऊं किसी महफ़िल में,
और तू न आये तो सारा टशन अधूरा है ।।

हरकतें बीस साल वाली फिर से होने लगीं 
पर तेरे बिना मेरा लड़कपन अधूरा है ।।

©TubeLight मैं अधूरा जी रहा हूँ ...
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