कभी कभी जिंदगी हमें उम्र से पहले ही बड़ा कर देती है जरूरतें इतनी ज्यादा बढ़ जाती है कि ख्वाहिशें की चिता जल जाती है। हम जिंदा रहते हुए भी मर चुके होते है , हम बस अपनों के लिए जीवित रहते है तब कोई जीने की उम्मीद मिल जाए तो ख्वाहिशों के फिर से पर निकल आतें है। यही जिंदगी है यही कहानी है यही जीने की वजह यही मरने की चाहत है। जीने के लिए एक ख्वाहिश भी होनी चाहिए .. ©saumya #बस_यूँही #मनकहे_अनकही