इस शोर से दूर कहीं, जहाँ भीड़ ना हो, आईनों की दुनिया हो, जहाँ पूछ सकूं मै खुद से, कि कौन हूँ मै ? इस भीड़ की दुनिया मे, हर किसी के लिए कुछ और हूँ मैं, किसी के लिए सही, किसी के लिए गलत, मै भी भूल गया हूँ खुद को, कि कौन हूँ मै ? एक अंतर ने दम तोडा है, एक शक्सियत ने रंग छोडा है, हर कोई नकली है यहाँ, जो घुट घुट के जी रहा है, अंदर कहीं,नकाब के पीछे, वो चीखना चाहता है, लेकिन इस शोर से दूर कहीं, जहाँ भीड़ ना हो, जहाँ पूछ सके वो खुद से, कि कौन हूँ मै ? #whoami #yqbaba #yqdidi #hindi #questiontolife #hindipoetry #poetry #dilemma