Nojoto: Largest Storytelling Platform

माँ तुझसे ही हर ज़ज्बात और तुझसे ही हर बात है। जि

माँ तुझसे ही हर ज़ज्बात
और तुझसे ही हर बात है।

जितना भी मैं कर लूँ प्यार तुझे, 
बस कम ही लगता है माँ मुझे।

तू ही मेरी सहेली तू ही मेरा प्यार है।
तू ही मेरा सबकुछ तू ही मेरा संसार है।

तेरी आहट से तुझे मैं जान जाती हूँ।
तू मेरे आसपास है,पहचान जाती हूँ।

घरों की चार दीवारें भी तुझे मेहसूस करती है,
चहकता है आँगन जो छूकर गुज़रती है।

मैं तेरे अस्तित्व की परछाई हूँ।
मैं तेरे एहसासों में समाई हूँ ।

तू क्या है मैं इतना लिख नहीं सकती।
तू ज़न्नत है और ज़न्नत दिख नहीं सकती। मातृ दिवस की आप सभी को हार्दिक शुभकामनायें 🌹🌹

🌹  आईए आज इस अवसर पर इस सुन्दर से wallpaper को अपनी भावनाओं से पिरो कर साँझा करें। 

🌹 यह रचना प्रतियोगिता के अंतर्गत नहीं है I 

🌹 इसको लिखने के लिए कोई भी शब्द सीमा नहीं ।
माँ तुझसे ही हर ज़ज्बात
और तुझसे ही हर बात है।

जितना भी मैं कर लूँ प्यार तुझे, 
बस कम ही लगता है माँ मुझे।

तू ही मेरी सहेली तू ही मेरा प्यार है।
तू ही मेरा सबकुछ तू ही मेरा संसार है।

तेरी आहट से तुझे मैं जान जाती हूँ।
तू मेरे आसपास है,पहचान जाती हूँ।

घरों की चार दीवारें भी तुझे मेहसूस करती है,
चहकता है आँगन जो छूकर गुज़रती है।

मैं तेरे अस्तित्व की परछाई हूँ।
मैं तेरे एहसासों में समाई हूँ ।

तू क्या है मैं इतना लिख नहीं सकती।
तू ज़न्नत है और ज़न्नत दिख नहीं सकती। मातृ दिवस की आप सभी को हार्दिक शुभकामनायें 🌹🌹

🌹  आईए आज इस अवसर पर इस सुन्दर से wallpaper को अपनी भावनाओं से पिरो कर साँझा करें। 

🌹 यह रचना प्रतियोगिता के अंतर्गत नहीं है I 

🌹 इसको लिखने के लिए कोई भी शब्द सीमा नहीं ।
nehapathak7952

Neha Pathak

New Creator