अब और क्या बेगुनाही का सुबूत देती हसरत।। इल्ज़ाम लगाने वाले मेरे अपने थे ।। मैंने फिर न की कोशिश तामीर की अपनी.. मुझे ख़ाक में मिलाने वाले मेरे अपने थे।। गैरो को क्या खबर तीर निशाने पे लगे कैसे.. ये ज़ख्म लगाने वाले मेरे अपने थे ।। आंजन लोग आते जाते पुछते हैं हाल अक्सर.. मेरा ये हाल बनाने वाले मेरे अपने थे ।।। खुद को जला जला कर मैंने बखशे उन्हें उजाले... मेरा घर जलने वाले मेरे अपने थे ।। राज़ जो दिल में दबाये हो इन्हे राज़ ही रहने दो .. मेरे राज़ की अखबार में छपवाने वाले मेरे अपने थे ।। Ab or kya begunahi ka suboot deti hasrat.. Ilzaam lagane wale mere apne the.. Maine Phir Na Ki Koi Koshish Tameer Ki Apni Mujhe Khaak Me Milane Wale Mere Apne The.. Gairo Ko Kya Khabar Teer Nishane Pe Lage Kaise... Ye Zakhm Lagane Wale Mere Apne The Aanjane Log Aate Jaate Puchte Hain Haal Aksar Mera Ye Haal Banane Wale Mere Apne The...