मेरे कुछ सुने से ख्याल हर रात उसे पुकारते है ढेरो हि बाते, शाम होते हि जेसे मानो उसे पुकारने लगती है अंदर कुछ है जो मानो टूट सा गया है दिल चाहता है कि खाली पड़ी उस जगह को तुम आकर भर दो। और फिर ख्याल आता है। ख्यांल कैसा ख्याल। ख्याल पिता कि खुशी का,भाई की राखी का अपने टूटे ख्वाबो का शायद यही फर्क होता है, ख्वाब और हकीकत मे। धरती और आसमां मे सुरज और चांद मे तुझमें और मुझ मे।। Ye ratee❤️❤️