White ©मुझें लिखना आता है तभी तो मैं लिखती हूं.... जार जार होते अल्फ़ाज़ बिन्त हव्वा के हिस्से के रंजो अलम,वो मायूसी के आलम,वो शामो_ सहर जारों कतार अश्क, अलूदा चश्म से आलूदा कजरारी पलके.... वो कुछ बुने हुए ख्वाब कुछ गिले_शिकवे....?जो इब्न_आदम इल्म रखते हुए भी,औरत के अंतर्मन को जानबूझकर बेझिझक उसके द्वारा नजर अंदाज कर देना.... हां मैं लिखती हूं तरतीब से लफ्जों को पिरोकर, तमाम आलमी औरत के अंतर्मन को,उनके मन में चलते शोरगुल करते सांय सांय सन्नाटे को.... गर रही हयात तो मै बहुत कुछ लिखूंगी इन इब्न आदम पर भी .... #Shamawritesbebaak ©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर ©मुझें लिखना आता है तभी तो मैं लिखती हूं.... जार जार होते अल्फ़ाज़ बिन्त हव्वा के हिस्से के रंजो अलम,वो मायूसी के आलम,वो शामो_ सहर जारों कतार अश्क, अलूदा चश्म से आलूदा कजरारी पलके.... वो कुछ बुने हुए ख्वाब कुछ गिले_शिकवे....?जो इब्न_आदम इल्म रखते हुए भी,औरत के अंतर्मन को जानबूझकर बेझिझक उसके द्वारा नजर अंदाज कर देना.... हां मैं लिखती हूं तरतीब से लफ्जों को पिरोकर, तमाम आलमी औरत के अंतर्मन को,उनके मन में चलते शोरगुल करते सांय सांय सन्नाटे को.... गर रही हयात तो मै बहुत कुछ लिखूंगी इन