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कुदरत की निशानी* --- कॉरोना महामारी कुदरत की एक न

कुदरत की निशानी* --- कॉरोना महामारी

कुदरत की एक निशानी है।
           छेड़खानी ही एक परेशानी है।।   -- २
                                   जिसमें कोरोना को महामारी मानी है।
                                   साल 2020 की यही तो कहानी है।।
परेशान हुए हर जन जन यहां जो ,
सांस लेने के आदि हो ।।
                                   अरे परेशानी की राहें भुलाकर ,
                                    अंधविश्वासों पर उम्मीदें ठानी है।।
अस्पतालों का इलाज भुलाकर , 
टोना टोटका पर अलक जगाई है।।
                                  जिसमें कोरोना की महामारी मानी है।
                                   साल 2020 की यही तो कहानी है।।
लॉक डाउन की नीति भुलाकर ,
भेड़ चाल की रीत अपनाई है ।।
                                  दुनिया के सारे गम भुला कर  ,
                                   कोराना पर निशाना साधा है ।।                       पालना जरूरी लोकडाउन की हैं।
 स्वस्थ परिवार की जिम्मेदारी हमारी है।।
                                   जिसमें कोरोना को महामारी मानी है।
                                   साल 2020 की यही तो कहानी है।।                   घर में रहना , बाहर निकलना है ।
यहीं से तो परेशानी से मुक्त होना है ।।
                                   हम स्वस्थ तो परिवार स्वस्थ हैं , 
                                   परिवार स्वस्थ तो देश स्वस्थ हैं ।।

                                                     kailash patir song writer #InspireThroughWriting 
#kailashpatir 
#_Kailash
#_poem_kudrat_ki_nishani_corona_mahamari
कुदरत की निशानी* --- कॉरोना महामारी

कुदरत की एक निशानी है।
           छेड़खानी ही एक परेशानी है।।   -- २
                                   जिसमें कोरोना को महामारी मानी है।
                                   साल 2020 की यही तो कहानी है।।
परेशान हुए हर जन जन यहां जो ,
सांस लेने के आदि हो ।।
                                   अरे परेशानी की राहें भुलाकर ,
                                    अंधविश्वासों पर उम्मीदें ठानी है।।
अस्पतालों का इलाज भुलाकर , 
टोना टोटका पर अलक जगाई है।।
                                  जिसमें कोरोना की महामारी मानी है।
                                   साल 2020 की यही तो कहानी है।।
लॉक डाउन की नीति भुलाकर ,
भेड़ चाल की रीत अपनाई है ।।
                                  दुनिया के सारे गम भुला कर  ,
                                   कोराना पर निशाना साधा है ।।                       पालना जरूरी लोकडाउन की हैं।
 स्वस्थ परिवार की जिम्मेदारी हमारी है।।
                                   जिसमें कोरोना को महामारी मानी है।
                                   साल 2020 की यही तो कहानी है।।                   घर में रहना , बाहर निकलना है ।
यहीं से तो परेशानी से मुक्त होना है ।।
                                   हम स्वस्थ तो परिवार स्वस्थ हैं , 
                                   परिवार स्वस्थ तो देश स्वस्थ हैं ।।

                                                     kailash patir song writer #InspireThroughWriting 
#kailashpatir 
#_Kailash
#_poem_kudrat_ki_nishani_corona_mahamari