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आज भी झूठ जुबान पर रेहता है, क्या सबूत है तूं सच स

आज भी झूठ जुबान पर रेहता है,
क्या सबूत है तूं सच सरेआम कहता है।
तुम वेवफा न सही झूठे तो थे ही,
यूं ही नहीं मेरे दिल का कत्ल हर शाम होता है। #breakup #poetry
आज भी झूठ जुबान पर रेहता है,
क्या सबूत है तूं सच सरेआम कहता है।
तुम वेवफा न सही झूठे तो थे ही,
यूं ही नहीं मेरे दिल का कत्ल हर शाम होता है। #breakup #poetry
safalkhare8485

Safal Khare

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