''अहसास हें,, अहसास हें.. हम ज़िंदा हें.. ज़मीर से भी और सांसो से भी, और जिंदा हें, ख्वाबों के लिए, जो देखे हें उनके लिए जिन पर जान छिड़कती हें, अहसास हें.. उनको पूरा करना हें.. मुझे हर दिन चलना हें, हर वक़्त, उनके लिए सिर्फ उनके लिए, जिनकी वजह से मेरी सांसे हें, और में और मेरे ख्वाब, अहसास हें.. सब बेहतर होगा, क्युकी प्रयास कभी हारते नहीं! #Artist Rahul Poetry's Udaipur . Rajasthan. ©Artist Rahul ''अहसास हें,,