सूर्य की रोशनी पे उगा दो छाया के चंद पुष्प बरसती बूँदों पर चढ़ा दो मृगनाभि कस्तूरी मुस्क बादलों को डुबाकर मोहब्बतों के संग नाचने दो मोर को फिर बहकती हवा के संग मोहब्बत बरसेगी बादलों से धुल जाएगा चमन कस्तूरी की महक संग महक उठेगा अंग अंग #चौबेजी ©Choubey_Jii #चौबेजी #Nojoto #nojotohindi #नोजोटो #kavita #sunrays