कोरा बचपन कोरा बचपन,कोरा रहता तो कितना हसीं होता निर्मल होता हृदय तो कैसे कोई मतलबी होता ना तू और मैं,ना हम और आप,कोरे मन में ना कोई पाप नज़रो का भेद खत्म करता, हर तरफ नजारा फिर एक सी होता आमिल #KoraBachpan