छूना चाहता है आसमा को हर कोई बिन संघर्ष के मिलती कहा है मंजिल कोई । हौसले हो जिनके बुलंद उन्हें ना रोक पाया है कोई पाव में छाले पड़ जाएं तो भी बात नही कोई । छूना चाहता है आसमा को हर कोई बिन संघर्ष के मिलती कहा है मंजिल कोई । ©Jonee Saini #आसमां #छूना #Koi #sangharsh "अब्र" 2.0