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प्रभाती घनाक्षरी दिनकर दादा आये, सुबह सुहानी लाये,

प्रभाती घनाक्षरी
दिनकर दादा आये, सुबह सुहानी लाये, 
सूर्य किरण पा  कर ,जग जग  जाएगा। 

मंद  मंद  वायु  चले , शरद  हवाएँ  चले, 
आग  जला कर ज़न,  गर्माहट   पाएगा। 

डाल डाल खग बोले,नयन सभी ने खोले, 
 दिनकर  दादा  अब , लालिमा फैलाएगा।

सुंदर  सुबह आई , नई  ऊर्जा  संग  लाई, 
नव  सृजन  का  मनु ,  दीपक  जलाएगा।

©Uma Vaishnav #प्रभाती 
#घनाक्षरी 

#hills
प्रभाती घनाक्षरी
दिनकर दादा आये, सुबह सुहानी लाये, 
सूर्य किरण पा  कर ,जग जग  जाएगा। 

मंद  मंद  वायु  चले , शरद  हवाएँ  चले, 
आग  जला कर ज़न,  गर्माहट   पाएगा। 

डाल डाल खग बोले,नयन सभी ने खोले, 
 दिनकर  दादा  अब , लालिमा फैलाएगा।

सुंदर  सुबह आई , नई  ऊर्जा  संग  लाई, 
नव  सृजन  का  मनु ,  दीपक  जलाएगा।

©Uma Vaishnav #प्रभाती 
#घनाक्षरी 

#hills
umavaishnav1851

Uma Vaishnav

Bronze Star
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